नए सिरे से 1980 के दशक में मध्य भारत में सामाजार्थिक न्याय के लिए जन संघर्ष प्रारंभ हुए थे जो आज भी जारी है। इन में से आदिवासी समुदाय द्वारा किए गए महत्वपूर्ण संघर्ष विशेष रूप से उल्लेखनीय है। इस पुस्तक में इन संघर्षों का विवरण एवं विसलेशन प्रस्तुत है एक ऐसे व्यक्ति द्वारा जो शुरू से इन संघर्षों में प्रतिभागी रहे है। इस दौर के इतिहास को जानने और समझने के लिए यह एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। इस पुस्तक का और विस्तृत विवरण के लिए देखें – http://rahulbanerjeeactivist.in/kitaab.html